चिकित्सा विशेषज्ञों और वैज्ञानिकों का का कहना है कि RT-PCR (Real Time Reverse Transcriptase Polymerase Chain Reaction) किसी व्यक्ति मे कोरोना चेक करने के लिए वर्तमान मे ज्ञात सबसे बेस्ट तकनीक में से एक है। क्योंकि यह एक ऐसी तकनीक है जिसके जरिये कोरोना केस से जुड़ी जांच के लिए ज्यादा सटीक परिणाम प्राप्त किए जा सकते है ।
और जब कोरोना वायरस चीन से होते हुये दूसरे देशो मे भी फैलने लगा था तब पहली बार वैज्ञानिको ने यह जांच करने के लिए कि कोई व्यक्ति इस वाइरस के चपेट मे आया है या नही ? इसके लिए सबसे पहले पीसीआर तकनीक का ही उपयोग किया था ।
आइए RT-PCR टेस्ट से जुड़ी सभी जरूरी इन्फॉर्मेशन को स्टेप बाइ स्टेप पूरी जानकारी बताते है।
RT-PCR क्या है?
Real Time Reverse transcription–Polymerase Chain Reaction (RT-PCR), COVID-19 कोरोनावायरस का पता लगाने, ट्रैक करने और अध्ययन करने के लिए सबसे सटीक प्रयोगशाला method में से एक है।
RT-PCR, वायरस सहित किसी भी pathogen में विशिष्ट genetic material की उपस्थिति का पता लगाने की एक method है।
वास्तविक समय RT-PCR, COVID-19 वायरस का पता लगाने के लिए सबसे व्यापक रूप से उपयोग की जाने वाली Laboratory Method में से एक है। जबकि कई देशों ने Ebola Virus और Zika जैसी अन्य बीमारियों के diagnose करने के लिए वास्तविक समय में RT- PCR का ही उपयोग किया जाता है ।
PCR से RT-PCR कैसे अलग है?
RT-PCR, PCR या Polymerase Chain Reaction का एक variation है। दो तकनीकें एक ही प्रक्रिया का उपयोग करती हैं, सिवाय इसके कि RT-PCR में RNA के DNA, या RT के Reverse transcription का एक अतिरिक्त step है, ताकि DNA amplify हो सके । इसका मतलब है कि PCR का उपयोग वायरस और बैक्टीरिया जैसे Pathogens के लिए किया जाता है, जिनमें पहले से ही amplify के लिए डीएनए होता है, जबकि RT-PCR का उपयोग RNA वाले वायरस के लिए किया जाता है जिन्हें amplify के लिए डीएनए में change करने की आवश्यकता होती है। दोनों तकनीकों को ‘Real Time’ में किया जा सकता है, जिसका अर्थ है कि परिणाम लगभग तुरंत दिखाई देते हैं, जबकि जब ‘conventional’ का उपयोग किया जाता है, तो परिणाम केवल प्रतिक्रिया के अंत में दिखाई देते हैं।
PCR वायरस सहित Pathogens का पता लगाने के लिए सबसे व्यापक रूप से उपयोग किए जाने वाले Diagnostic परीक्षणों में से एक है, जो Ebola, अफ्रीकी Swine Fever और पैर और मुंह की बीमारी का कारण बनता है। चूंकि COVID-19 वायरस में केवल RNA होता है, इसलिए इसका पता लगाने के लिए वास्तविक समय या पारंपरिक RT-PCR का उपयोग किया जाता है।
क्या आपने PCR machine देखा है ?आइये मै आपको image के माध्यम से दिखाता हूँ ।
आरटी-पीसीआर के लिए sample collection के Steps
Step 1 : RT- PCR टेस्ट करने के लिए अपने किसी नजदीकी स्वस्थ्य केद्र मे जाएँ जहां यह टेस्ट किया जाता है
Step 2 : स्वास्थ्य केंद्र मे RT-PCR टेस्ट के लिए बातचीत करके अपना रजिस्ट्रेशन कराएं।
Step 3 : RT-PCR टेस्ट के लिए आपका sample collection करने के लिए पूरी प्रोसैस इस तरह से किया जाएगा –
सबसे पहले आपको एक चेयर मे बैठाया जाएगा । इसके बाद अब आपका sample लेने के दो तरीके है एक तो आपके नाक से sample लिया जा सकता है या फिर आपके मुह के बलगम से ।
चलिये जानते है कि नाक से sample लेने की क्या प्रोसैस है –
- आपको बैठाने के बाद technician आपके पास आकार आपके नाक से sample लेने के लिए आपको कहेगे कि आपने सिर को थोड़ा (70 डिग्री ) पीछे झुकाये फिर आपके नाक मे एक swab डाला जाएगा
- इस swab को कुछ सेकेंड तक नाक रखा जाएगा ।
- फिर इसके बाद उस swab को घुमाते हुये डॉक्टर आपके नाक से निकाल लेगा ।
- ऐसा करने से swab me नाक से लिए जाने वाले sample swab मे चिपक जाते है ।
- अब इन sample को कीटाणु रहित और साफ सुथरे काँच मे रख दिया जाता है।
- इसी तरह कुछ और व्यक्तियों के sample लेने के बाद sample को पीसीआर टेस्ट के लिए भेज दिया जाता है
दिये गए sample पीसीआर टेस्ट के नतीजे आने मे कम से कम 4-8 घंटे और ज्यादा से ज्यादा 1-2 दिन का समय लग जाता है ।
COVID-19 PCR टेस्ट के report का क्या मतलब है?
COVID-19 PCR टेस्ट रिपोर्ट 2 प्रकार का हो सकता है
1) Negative report
2) Positive report
Sample पॉजिटिव या नेगेटिव है, काम या ज्यादा CT वैल्यू पर निर्भर करता है। RT-PCR Test रिपोर्ट में CT वैल्यू दिया जाता है । दरअसल, सीटी वैल्यू से कोरोना वायरस के संक्रमण की जानकारी मिलती है। इससे मरीजों को पता चलता है कि वे कोरोना से संक्रमित हैं या नहीं और अगर किसी व्यक्ति में कोरोना के लक्षण हैं तो उनकी हालत कितनी गंभीर है ।
ऐसे में अगर सीटी वैल्यू कम है तो मरीज की हालत काफी गंभीर है. वहीं अगर सीटी की वैल्यू थोड़ी ज्यादा हो तो उसकी स्थिति गंभीर नहीं मानी जाती है। इसके अलावा, अगर कोरोना के लिए किए गए RT – PCR Test का CT Value, 35 है, तो उस व्यक्ति की रिपोर्ट Negative मानी जाती है, यानी वह व्यक्ति कोरोना से संक्रमित नहीं है।
आपको बता दें कि CT वेल्यू तब निर्धारित की जाती है जब मरीज का सैंपल लिया जाता है और कई राउंड में उसकी जांच की जाती है। वहीं, ICMR की Guidelines में कहा गया है कि RT-PCR Test के बाद तुरंत पता चल जाता है कि मरीज कोरोना से संक्रमित है या नहीं ।
अधिकाश लोग पूछते है कि COVID-19 के लिए PCR और एंटीजन टेस्ट में क्या अंतर है? और कौन सा COVID test ज्यादा better है?
तो आइए इस टॉपिक के ऊपर भी बात कर लेते है, COVID-19 के लिए PCR और एंटीजन टेस्ट में क्या अंतर है? कौन सा COVID test अधिक सटीक है?
सटीक report के नजरिए से देखा जाय तो दोनों मे से RT- PCR test ज्यादा better है।
लेकिन क्यों ?
क्योकि जब हम एंटीजन टेस्ट कराते है तो इसमे आपके खून का इस आधार पर टेस्ट किया जाता है कि आपके खून मे कितने एंटीजन बन चुके है यानि एंटीजन की संख्या कितनी है?
यह टेस्ट इस सिद्धांत पर काम करता है कि जब किसी व्यक्ति के शरीर मे किसी तरह का रोग या कोई बीमारी प्रवेश करता है तो उस रोग से लड़ने के लिए उस व्यक्ति के शरीर मे एंटीजन बनने लगते है लेकिन यह एंटीजन बनने मे 3-4 दिन का समय लगता है।
ऐसे मे अगर कोई ऐसा व्यक्ति एंटीजन के आधार पर टेस्ट करता है जिसके शरीर मे आज ही कोरोना प्रवेश कर चुका है और तो उस व्यक्ति का report नेगेटिव आएगा जबकि वह व्यक्ति कोरोना के चपेट मे आ चुका है ।
लेकिन वही व्यक्ति अगर 2-4 दिन बाद यह टेस्ट करता है तो वह कोरोना positive कहलायेगा ।
तो फिर यह कैसे पता चले कि कोई व्यक्ति कोरोना के चपेट मे आ चुका है या नही ?
तो इसके लिए PCR test है ।
अब आप अच्छी तरह समझ गए होगे कि कौन सा COVID test अधिक सटीक है?