Yellow Fever in Hindi

येलो फीवर (पीला बुखार) – Yellow Fever in Hindi

Yellow Fever in Hindi | पीला बुखार (येलो फीवर) एक रक्तस्रावी स्थिति है जो हाई फीवर, स्किन में ब्लीडिंग और लिवर और किडनी सेल डेथ का कारण बन सकता है. यदि अधिक संख्या में लिवर सेल्स मर जाती हैं, तो लिवर डैमेज होता है, जिससे पीलिया हो जाता है, एक ऐसी कंडीशन जिसमें स्किन का रंग पीला हो जाता है.

पीला बुखार (येलो फीवर ) क्या है? – What is Yellow Fever in Hindi?

यह एक गंभीर वायरल इन्फेक्शन है, जो एडीज एजिप्टी (aedes aegypti) नामक मच्छर से फैलता है, जो आमतौर पर अफ्रीका और मध्य और दक्षिण अमेरिका में पाया जाता है. इसे येलो जैक (yellow jack) या येलो प्लेग (yellow plague) के नाम से भी जाना जाता है. पीला बुखार के वायरस से संक्रमित मच्छर के काटने के बाद से ही पीला बुखार का कारण बन सकता है. कुछ लोगों को पीलिया (Jaundice) जैसे सिम्पटम्स भी दिखाई देते हैं जैसे त्वचा का पीला पड़ना और आंखों का सफेद भाग. इसिलिये इसे पीला बुखार कहा जाता है.


यहाँ पढ़ें :


पीलिया बुखार के मुख्य संकेत और लक्षण क्या हैं? – What are the main signs and symptoms of Yellow Fever in Hindi?

पीला बुखार के चरण के आधार पर लक्षणों को वर्गीकृत किया जा सकता है :-

  • भूख न लगना, बुखार, जॉन्डिस, निस्तब्धता (flushing), सिरदर्द, जोड़ों में दर्द, मांसपेशियों में दर्द और उल्टी चरण 1 में अनुभव किए जाने वाले कॉमन सिम्पटम्स हैं.
  • चरण 1 के लक्षण गायब हो जाते हैं, और अधिकांश व्यक्ति ठीक हो जाता है. लेकिन कुछ मामलों में लक्षण 24 घंटे के बाद फिर से दिखाई देने लगता है.
  • लिवर, हार्ट और किडनी की समस्याएं; ब्लीडिंग डिसऑर्डर; कोमा; ब्लड इन स्टूल; प्रलाप (delirium); स्टेज 3 में अनुभव होने वाले गंभीर लक्षण जैसे नाक, आंख और मुंह से खून बहना है.

यहाँ पढ़ें :


पीला बुखार का मुख्य कारण क्या है? – What is the main cause of Yellow Fever in Hindi?

इन्फेक्टेड मॉस्किटो के काटने से पीला बुखार होता है. व्यक्ति के काटने के तीन से छह दिन बाद लक्षण दिखाई देने लगते हैं.

पीला बुखार का निदान और इलाज कैसे किया जाता है? – How is Yellow Fever diagnosed and treated in Hindi?

डायग्नोसिस में आमतौर पर लक्षणों की उपस्थिति के लिए एक फिजिकल टेस्ट शामिल होती है. 

डॉक्टर यह जांचने के लिए कई सवाल पूछ सकते हैं कि कहीं पीला बुखार (yellow fever) के कोई अन्य लक्षण तो नहीं हैं. यदि डॉक्टर को पीला बुखार की उपस्थिति का संदेह है, तो वह निदान की पुष्टि करने के लिए ब्लड टेस्ट का आदेश देगा. ब्लड टेस्ट से लीवर और किडनी जैसे अंगों की विफलता का भी पता चल सकता है.

स्पेसिफिक ट्रीटमेंट उपलब्ध नहीं है, लेकिन आम तौर पर निर्धारित सिम्पटोमैटिक ट्रीटमेंट विधियों में शामिल हैं :-

  • गंभीर ब्लीडिंग  के मामले में ब्लड और ब्लड प्रोडक्ट्स का ट्रांसफ्यूज़न.
  • किडनी फेलियर के मामले में डायलिसिस.
  • डिहाइड्रेशन को रोकने या लिक्विड प्रोडक्ट के नुकसान की भरपाई के लिए अंतःशिरा तरल पदार्थ (intravenous fluids) का देना.
  • पीला बुखार (Yellow fever) प्रवण क्षेत्र में यात्रा करने से पहले टीका लगवाकर पीला बुखार को रोका जा सकता है.

(डिस्क्लेमर : लेख के इस भाग में दी गई जानकारी केवल शैक्षिक उद्देश्यों के लिए है। सटीक निदान करने के लिए सभी परिणामों को रोगी के डेटा के साथ चिकित्सकीय रूप से सहसंबद्ध होना चाहिए।)


संदर्भ

  1. Yellow fever: Medlineplus medical encyclopedia (ND) MedlinePlus. U.S. National Library of Medicine. 
  2. Yellow fever: Ministry of Health and Family Welfare: GOI (ND) Ministry of Health and Family Welfare | GOI. 
  3. Overview -Yellow fever (ND) NHS choices. NHS.
  4. Andrea.zawacki (2020) Yellow fever and the yellow fever vaccine, Carrington College. Carrington College. 
  5. Yellow fever (ND) World Health Organization. World Health Organization. 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *